5 Simple Statements About Shodashi Explained

Wiki Article



The Matrikas, or perhaps the letters on the Sanskrit alphabet, are thought of the subtle type of the Goddess, with each letter Keeping divine ability. When chanted, these letters Incorporate to type the Mantra, developing a spiritual resonance that aligns the devotee With all the cosmic Strength of Tripura Sundari.

ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥

Every single struggle that Tripura Sundari fought is really a testament to her may along with the protecting nature of the divine feminine. Her legends proceed to inspire devotion and therefore are integral on the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.

कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः

Due to the fact amongst his adversaries were Shiva himself, the Kama gained large Shakti. Missing discrimination, The person started building tribulations in all the 3 worlds. With Kama possessing a lot electrical power, and With all the Devas facing defeat, they approached Tripura Sundari for enable. Taking up all her weapons, she billed into fight and vanquished him, Therefore preserving the realm in the Gods.

ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं  सौः

पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।

website दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

श्रीं‍मन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या

प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।

यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

Report this wiki page